Sunday 18 September 2011

आरसीएम बिजनस नहीं, मिशन

अगस्‍त 2000 में भीड़वाडा राजस्‍थान के अंदर एक नई सोच का जन्‍म हुआ, जिसका रखा गया आरसीएम बिजनस, मगर एक दशक बाद उस सोच को करोड़ों भारतियों ने अपना और वो बिनजस मिशन बन गया, नए भारत के निर्माण का। यह पहला ऐसा बिजनस है, जो कपड़ा खरीदने से शुरू होता है, और बिन किसी लागत के आप इसको पूरे हिन्‍दुस्‍तान में कर सकते हैं। कपड़ा खरीदना आदमी के लिए नई बात नहीं, फिर यह बिजनस कहता है कि अगर आपको कोई चीज अच्‍छी लगे, दिल को छू जाए तो औरों को बताओ, इसमें भी कोई नई बात नहीं, क्‍योंकि हम को प्रचार करने की बहुत ज्‍यादा आदत है। कोई चीज अच्‍छी लगी नहीं कि हम आस पास में रहने वाले सब लोगों को बता देते हैं, इससे हमको कोई फायदा नहीं होता मगर दुकानदार मालों माल हो जाता है। अगर यह सब आप आरसीएम के लिए करें तो आप और आपके द्वारा इस मिशन में आए लोग मालोमाल होंगे।

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